Cryptocurrency Kya Hai और क्रिप्टो काम कैसे करती है?

दोस्तों दुनिया में जितनी भी Cryptocurrency है, उनकी अगर वैल्यू देखी जाए तो पूरी दुनिया की टोटल मनी का 7% है, अगर सिर्फ बिटकॉइन की बात करें तो दुनिया की टोटल मनी का 3% योगदान Bitcoin की वैल्यू का है तो एक बात तो साफ है कि आगे यह कॉइंस रहे या ना रहे लेकिन भविष्य में क्रिप्टो का जो सिद्धांत है वो हमारे बीच में एक अहम भूमिका निभाने वाला है तो इसलिए आज की क्रिप्टो सीरीज में जानेंगे कि Cryptocurrency Kya Hai और क्रिप्टो काम कैसे करती है? क्रिप्टोग्राफी का इसके साथ क्या संबंध है? और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी छोटी-छोटी और बातें भी समझेंगे तो चलिए शुरू करते हैं.

Cryptocurrency Kya Hai? | What is cryptocurrency in Hindi

क्रिप्टो को समझने से पहले आपको ब्लॉकचैन को समझना पड़ेगा, ब्लॉकचेन मतलब ब्लॉक्स का एक लंबा सा चैन और यह जो ब्लॉक्स होते हैं, वह कोई लकड़ी या किसी मेटल के फिजिकल ब्लॉक्स नहीं होते हैं यह बिल्कुल वैसे ही होते हैं जिस प्रकार कंप्यूटर में फाइल्स होती हैं,

उसमें ढेर सारी जानकारी होती है ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाते की तरह काम करता है इन ब्लॉक्स में सारे क्रिप्टो ट्रांजैक्शन की इंफॉर्मेशन सुरक्षित होती है। ब्लॉकचेन पर हमने विस्तार से एक आर्टिकल में बताया हुआ है लेकिन अभी के लिए इतना समझ लीजिए कि Cryptos ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं,

cryptocurrency meaning in Hindi with example 2022,
Cryptocurrency Kya Hai और क्रिप्टो काम कैसे करती है? क्रिप्टो करेंसी की संपूर्ण जानकारी

ब्लॉकचैन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिससे किसी भी डिजिटल लेनदेन को डायरेक्टली 1 टू 1 किया जा सकता है, बिना किसी बिचौलिए या कहें थर्ड पर्सन के क्योंकि यहां कोई थर्ड पर्सन या सेंटरल अथॉरिटी नहीं होती है इसलिए Cryptos डिसेंट्रलाइज्ड होते हैं। डिसेंट्रलाइज्ड होने की वजह से इसके दो अहम फायदे हैं.

1. अगर कोई क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में छेड़छाड़ करके फ्रॉड करने की कोशिश करें तो वह संभव नहीं होगा क्योंकि ट्रांजैक्शन की कॉपी ब्लॉकचेन नेटवर्क में मौजूद हर एक कंप्यूटर के पास होती है और अगर कोई छेड़छाड़ करना भी चाहे तो उसे नेटवर्क में मौजूद हर एक कंप्यूटर में छेड़छाड़ करनी पड़ेगी जो कि बहुत ही मुश्किल है।

2. दूसरा फायदा यह है कि कोई भी निर्णय लेना होता है तो भी अधिकांश उपयोगकर्ताओं की हामी चाहिए होती है ना कि कोई एक संस्था निर्णय लेती है और तो और क्रिप्टो ट्रांजैक्शन बहुत सुरक्षित होते हैं, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक टेक्निक प्रयोग की जाती है जिसका नाम है Cryptography

Cryptography Kya Hai? | What is cryptography in Hindi

क्रिप्टोग्राफी को आसान भाषा में समझे तो यह एक ऐसी तकनीक है, जिसकी वजह से ट्रांजैक्शन का जो सारा संचार व्यवस्था वह बहुत ही सिक्योर हो जाता है, जैसे- मान लेते हैं कि A ने B को 1 Bitcoin भेजता है तो उस ट्रांजैक्शन की एक यूनीक आईडेंटिटी जनरेट होती है फिर उस आईडेंटिटी का एक इंक्रिप्टेड वर्जन वर्जन B
को भेजा जाता है,

जिसे सिर्फ B ही डिक्रिप्ट करके पड़ सकता है, यह डिजिटली लेनदेन को Confidential Transaction अर्थात गुप्त रखता है। आजकल डाटा ब्रिज की वजह से लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से घबराते हैं, Cryptography से यह सुनिश्चित होता है कि लोगों की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहे।

क्रिप्टोकरेंसी की एक और खास बात है. जितने भी ट्रांजैक्शन होते हैं वह सब ट्रांसपेरेंट होते हैं मतलब ट्रांजैक्शन जो हैं पब्लिकी ही विजिबल होते हैं तो आपके मन में एक और सवाल आ रहा होगा की यूजर्स की प्राइवेसी का क्या? तो जैसा कि हमने बताया कि क्रिप्टोग्राफी की टेक्नोलॉजी की वजह से यूजर्स का एक यूनिक इंक्रिप्टेड आईडी जेनरेट होता है और इसलिए तो यह तो पता चल जाता है कि

एक यूजर दूसरे यूजर्स को इंफॉर्मेशन भेज रहा है या कहे ट्रांजैक्शन कर रहा है पर यह नहीं पता चल पाता कि कौन किस को भेज रहा है? तो अभी तक हमने क्या जाना? What is cryptocurrency? ब्लॉकचेन कि इसमें क्या भूमिका है? क्रिप्टोग्राफी क्यों महत्वपूर्ण है? आइए अब जानते हैं कि Cryptocurrency की शुरुआत कब हुई?

Cryptocurrency की शुरुआत कब हुई?

ज्यादातर लोगों को मालूम है कि क्रिप्टो की नीव जो है वह बिटकॉइन की ईंट से रखी गई थी, जब जनवरी 2009 सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति या संस्था ने Bitcoin से परिचित कराया उस समय तक बिटकॉइन की वैल्यू निल्य बटे सन्नाटा हुआ करती थी

और लगभग 1 साल तक बिटकॉइन की वैल्यू जीरो ही रही फिर पहली बार मार्च 2010 में एक यूजर्स ने $50 में 10,000 बिटकॉइन बेचने की कोशिश की थी लेकिन कोई खरीददार ही नहीं मिला था सोचिए 10 हजार बिटकॉइन अर्थात आज की समय में 35 से 40 सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा कीमत होगी।

धीरे-धीरे क्रिप्टो का कांसेप्ट लोगों के बीच में प्रचलित होने लगा जैसा कि हम जानते हैं कि बिटकॉइन पहली क्रिप्टो थी तो उसमें कुछ सीमित सुविधा रही होंगी, जैसे बिटकॉइन की ट्रांजैक्शन स्पीड का कम होना, ट्रांजैक्शन शुल्क का ज्यादा होना और इन्हीं कमियों को बांटने के लिए बिटकॉइन के अल्टरनेटिव Coins भी आगे आए,

जैसे- Lite coin, XRP Coin, Name coin इत्यादि लेकिन क्रिप्टो की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब विटालिक ब्यूट्रिन ने 2015 में लोगों को एथेरियम से परचित करवाया, Ethereum की खास बात यह है कि एथेरियम एक प्लेटफार्म है जहां डिसेंट्रलाइज्ड एप्लीकेशन और उस पर चलने वाली ढेर सारी डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी बनाई जा सकती हैं।

बिटकॉइन सिर्फ एक क्रिप्टो है जिसमें आप पियर टू पियर लेन देन कर सकते हैं और एथेरियम एक प्लेटफार्म है जिस पर ढेर सारे डिसेंट्रलाइज्ड एप्लीकेशन जैसे डिसेंट्रलाइज्ड बैंक, सोशल मीडिया यह सब बना सकते हैं और Ether एथेरियम पर प्रयोग की जाने वाली करेंसी है। एथेरियम पर बने एप्लीकेशन की भी अपनी अपनी एक क्रिप्टो है बिटकॉइन और एथेरियम के बारे में अगर आप विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमने इस पर पहले से ही आर्टिकल में बताया हुआ है आप उन पर जाकर के इन्हें समझ सकते हैं.

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बाकी Ethereum को लोगों ने अभी ठीक से जाना ही था कि 2016 में एक और बड़ा बदलाव Polka dot की वजह से आ गया, पोल्काडोट की विशेषता यह है कि Polka dot ने Interoperability function से लोगों को परिचित कराया।
Interoperability function का मतलब किसी दो ब्लॉक्स को सिक्योरिटी के दायरे में रखते हुए आपस में इंटरलिंकिंग अर्थात जोड़ना और डाटा को शेयर करना।

2021-22 आते-आते क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में 19000 से ज्यादा कोइन्स बनाए जा चुके हैं और कोई नया क्रिप्टो आता है नए फीचर के साथ तो इसका मतलब यह नहीं है कि पहले से बनाए गए क्रिप्टोज खराब हो चुके हैं कहने का मतलब की सभी Cryptos की अपनी अपनी उपयोगिता है अब सवाल यह है कि क्रिप्टो की वैल्यू कैसे तय की जाती है?

Cryptocurrency की वैल्यू कैसे तय की जाती है?

देखिए इन सब के पीछे एक बहुत साधारण तर्क काम करता है, डिमांड और सप्लाई का मतलब खरीददार को अगर ज्यादा जरूरत है किसी क्रिप्टो की और उसकी सप्लाई कम है तो उसकी वैल्यू बढ़ जाएगी और अगर किसी क्रिप्टो की वैल्यू गिर रही है तो उसके पीछे का कारण यह होगा कि उसकी सप्लाई ज्यादा हो गई है और उसकी डिमांड कम है। अब आइए देखते हैं कि भविष्य में क्रिप्टो करेंसी का क्या स्कोप है.

Future Of Cryptocurrency in Hindi.

देखिए करोड़ों इन्वेस्टर के साथ भारत दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और कई कंपनी यहां पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सुविधा भी दे रहीं हैं, जैसे- Coins witch KUBER, Coin DCX, Wazir x. अमेरिकन शेयर बाजार में Bitcoin ETF अर्थात एक्सचेंज ट्रेडेड फंड लॉन्च कर दिए गए हैं,

निवेश के साथ ही क्रिप्टो की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी भविष्य में कई सारे सेक्टरों में अहम भूमिका निभा सकती है, उदाहरण के तौर में अगर आपको बताएं तो सबसे पहले होगा हेल्थकेयर सिस्टम जैसे ब्लॉकचेन के जरिए मरीजों के रिकॉर्ड्स का स्टोरेज, उनका ट्रांसपेरेंट, सप्लाई चैन का मैनेजमेंट सिस्टम, यह सभी आपको ब्लॉक चेंन के जरिए मिल सकती है कुछ देशों में कंपनीज ने हेल्थ केयर में इसे इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है,

Future Of Crypto Currency in Hindi
Future Of Cryptocurrency in Hindi को लेकर के भारत में

भारत सरकार ने हाल ही में आयुष्मान डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया है जितनी मरीजों की यूनिक हेल्थ आईडी तैयार की जानी है भारत इस डाटा को सुरक्षित करने के लिए ब्लॉकचैन का उपयोग के बारे में सोच रहे हैं।

दूसरा उदाहरण होगा Real Estate जहां पर ब्लॉकचेन बेस्ट स्मार्ट रियल एस्टेट कॉन्ट्रैक्ट कर इस्तेमाल लाभदायक हो सकता है मतलब लीजिंग की प्रोसेस जो है उस में तेजी आएगी, कॉस्ट भी बचेगी रियल स्टेट की जो कंपनियां है, जैसे- Republic, Safe Wire, VAIRT, Real T, Property Club आदि ब्लॉकचेन बेस्ट स्मार्ट कांट्रैक्ट का उपयोग करती है।

तीसरा इसका अहम इस्तेमाल हो सकता है वोटिंग सिस्टम में. देखिए किसी भी डेमोक्रेसी में आधार होते हैं वोटर्स और आए दिन यह सवाल उठते रहते हैं कि वोटिंग में फ्रॉड हो सकता है, वोटर्स जिन को वोट दे रहे हैं क्या उनको वह वोट मिल रहे हैं या नहीं लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी सही है संभव हो सकता है कि

वोटर्स पता कर पाएगे उन्होंने जिसको वोट दिया था उस कैंडिडेट को वोट मिला है या नहीं और इसमें ट्रांसपेरेंसी भी आ सकती है इस सिस्टम के जरिए वोटिंग ऑनलाइन हो सकती है। ब्लॉक चैन और इस पर बनी क्रिप्टोज वाकई में अभी तक की सबसे क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी है जो हमारे जीवन को, सिस्टम को पूरी तरह बदल कर रख सकती हैं। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना भी बहुत आसान है जिसे आप नीचे दिए लिंक पर जाकर के सीख सकते हैं.

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Cryptocurrency Kya Hai? को लेकर के अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

Cryptocurrency meaning in Hindi with example

क्रिप्टो करेंसी:- क्रिप्टो करेंसी शब्द, दो शब्दों से मिलकर बना है, क्रिप्टो यानी अप्रत्यक्ष, करेंसी यानी मुद्रा अर्थात अप्रत्यक्ष रूप में कंप्यूटर ग्राफिक के माध्यम से तैयार, ब्लाक चैन पर आधारित एक डिजिटल करेंसी को ही क्रिप्टो करेंसी कहते हैं, जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और लाइट कॉइन यह क्रिप्टोकरंसी के कोइन्स है, अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं

क्रिप्टो करेंसी में कैसे निवेश करें?

सबसे पहले सेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो वाँलेट में अपना अकाउंट बनाएं इसके बाद अपनी केवाईसी को पूरा करें तथा अब आप अपने पसंद की क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं जिस पर हमने पहले से ही डिटेल में बताया हुआ है, नीचे दिए लिंक पर जाकर कि आप अधिक जानकारी ले सकते हैं.

क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?

देखिए करोड़ों इन्वेस्टर के साथ भारत दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और कई कंपनी यहां पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सुविधा भी दे रहीं हैं, जैसे- Coins witch KUBER, Coin DCX, Wazir X. अमेरिकन शेयर बाजार में Bitcoin ETF अर्थात एक्सचेंज ट्रेडेड फंड लॉन्च कर दिए गए हैं, अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएं.

क्रिप्टो करेंसी कहां से खरीदें

क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए सेंट्रलाइज्ड वाँलेट जैसे Coins witch, KUBER, Coin DCX and Wazir X, और इंटरनेशनल निवेश के लिए BINANCE, Gate.io में जा कर के आप खरीद सकते हैं, जिस पर पहले से ही हमने विस्तार में बताया हुआ है नीचे दिए लिंक में जाकर के आप सीख सकते हैं

सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?

सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी इस समय KISHU INU कीमत ₹ 0.00000003, Nano Dogecoin (INDC) ₹ 0.00000004, Baby Doge Coin (BABYDOGE) ₹ 0.00000009, Shiba INU Price (SHIB INR) ₹ 0.000844, इन पर आपको लंबे समय तक निवेश करना होगा या अधिक पैसा लगाना होगा तभी आप इन पर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं

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