Crypto Glossary meanings in Hindi | क्रिप्टो के शब्द जाल एवं उनके अर्थ

क्रिप्टो शब्दावली के मतलबों का हिंदी में व्याख्यान करते हुए, आपको क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन संबंधित महत्वपूर्ण शब्दों के अर्थ समझाए जाएंगे। इससे आप दुनियाभर में चल रहे क्रिप्टो टर्म्स की समझ को मजबूत कर सकेंगे और क्रिप्टोकरेंसी विश्व में अधिक विशेषज्ञता प्राप्त कर सकेंगे।

Crypto Glossary meanings in Hindi

देखिए आजकल सोशल मीडिया पर meme की भरमार है जहां भी देखिए वहीं ही meme दिखाई देते हैं, आपके व्हाट्सएप में भी कई सारे meme आपको देखने को मिलें होंगे, कुछ मेमे बड़े मजेदार होते हैं तो कुछ मीम्स है जिन का अर्थ ही समझ में नहीं आता ऐसे ही हम क्रिप्टोकरंसी की तो बात करते हैं

पर कई सारी ऐसी कंडीशन होती हैं, जिनका हमें अर्थ नहीं पता होता है और पता ही नहीं होगा तो उसकी बात कैसे समझ में आएगी तो आज कि क्रिप्टो सीरीज “क्रिप्टो करेंसी के शब्द जाल एवं उनके अर्थ Crypto Glossary meanings in Hindi पर विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे तो चलिए  करें

Satoshi Nakamoto –

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सतोशी नाकामोतो नाम के व्यक्ति या कह सकते हैं कि ग्रुप ने शुरू किया था, उनकी पहचान को लेकर आज भी कई सारे मतभेद हैं, अभी तक किसी को पता ही नहीं है कि असली वाले Satoshi Nakamoto कौन है?

Bitcoin – Altcoin –

2009 से पहले किसी को पता ही नहीं था बिटकॉइन क्या है? क्रिप्टोकरंसी क्या बला होती है? बिटकॉइन को ही क्रिप्टो करेंसी या पहला क्रिप्टो कॉइन माना जाता है बिटकॉइन के बनने के बाद सारे कॉइन अल्टकॉइन (Altcoin) कहे जाते हैं अर्थात बिटकॉइन के अलावा सारे अल्टकॉइन ही हैं अल्टकॉइन का मतलब है,

अल्टरनेटिव क्वाइन अर्थात बिटकॉइन की अल्टरनेटिव या विकल्प को ही अल्टकॉइन कहते हैं जो अल्टकॉइन (Altcoin) की श्रेणी में रखे जाते है। अल्टकॉइन की शुरुआत 2011 में हुई जैसे Ethereum, Stellar, LUMPS AND UNISWAP आदि।

Blockchain –

क्रिप्टो करेंसी के शब्द जाल एवं उनके अर्थ | Crypto Glossary meanings in Hindi
Cryptocurrency word traps and their meanings

ब्लॉक चैन एक तरह का वह डेटाबेस है जिसे डिजिटली मेंटेन किया जाता है अर्थात डाटा को एक ब्लॉक में रखा जाता है जो ट्रांजैक्शन की जानकारी होती है ब्लॉक या 1 तरीके कह सकते हैं फोल्डर या डिब्बे में रखी जाती है।

हर ब्लॉक की अपनी एक स्टोरेज लिमिट होती है जब एक ब्लॉक अर्थात डिब्बा भर जाता है तो उसके आगे का डाटा उसके अगले block में स्टोर होने लगता है।

यह सभी ब्लॉक वर्चुअल चयन के जरिए आपस में जुड़े होते हैं इसी कारण इसको ब्लॉकचेन(Blockchain) के नाम से जाना जाता है। अभी तक ब्लॉकचेन में रखे डाटा को ना तो हैक किया जा सकता है और ना ही करप्ट किया जा सकता है इसलिए इससे ज्यादा सेफ कोई डाटा नहीं माना जाता।

Crypto Exchange –

आइए अब जानते हैं Crypto Exchange के बारे में क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन के लिए एक्सचेंज बनाए जाते हैं जहां पर आप क्रिप्टोकरंसी को खरीद या बेच सकते हैं अथवा दूसरे को आप भेज सकते हैं यहां पर क्रिप्टोकरंसी की रियल टाइम रेट भी जान सकते हैं भारत में कई क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफार्म है उनमें से जो कुछ जैसे, Coins witch KUBER, Coin DCX, Wazir x आदि

Crypto Mining –

अगर आप बिना पैसे खर्च किए क्रिप्टो करेंसी के मालिक बनना चाहते हैं तो वह है Crypto Mining

लेकिन यह इतना आसान नहीं है माइनिंग के लिए आपको एक पावरफुल कंप्यूटर और ढेर सारी बिजली चाहिए इस इलेक्ट्रिसिटी के खर्च का एक अंदाजा अगर आपको बताएं तो पाकिस्तान साल भर में जितनी बिजली खर्च करता है उतनी बिजली क्रिप्टो करेंसी के माइनिंग में खर्च हो जाती है।

ना गजब की बात तो इसके बाद जवाब क्रिप्टो माइनिंग कर लेते हैं तो उस क्रिप्टो करेंसी को आपको ब्लॉकचेन में जोड़ना पड़ता है पर माइनिंग की भी अपनी एक लिमिट है इसलिए इसकी व्यवस्था की गई है कि आप उससे ज्यादा Crypto currency ना पा सके

Block Chain Hashing –

ब्लॉकचेन में वही ट्रांजैक्शन होते हैं जिनका वैलिडेशन पहले हो चुका होता है वैलिडेशन के बाद ट्रांजैक्शन जिस शक्ल में दिखाई देता है वह नंबर और लेटर की शिरिज जैसा होता है जो ओरिजिनल डाटा से बिल्कुल अलग होता है और इसे ही Hash कहते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग के लिए Hashing की मदद ली जाती है

हैशिंग के लिए ब्लॉकचेन के किसी एक डाटा को मैथमेटिकल फंक्शन के जरिए प्रोसेस किया जाता है तब एक निश्चित लेंस का डाटा मिलता है जो पूरी तरह से सीक्वेयर होता है।

Bitcoin Halving –

बिटकॉइन के कोडिंग में ही तय कर दिया गया है केवल 21 मिलियन अर्थात 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन ही बनाए जा सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन्स लिमिटेड हैं इसलिए डिमांड और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए Bitcoin Halving की गई है।

हर 2 लाख 10 हजार Blocks के mining के बाद, बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन में मिलने वाली फीस आधी हो जाती है मोटे तौर पर इसमें 4 साल लगते हैं इससे बिटकॉइन के सरकुलेशन में आने की वाली दर आधी रह जाती है यह सिस्टम साल 2040 तक चलेगा। बिटकॉइन की Halving इसलिए खास है क्योंकि बिटकॉइन की सप्लाई कंट्रोल में रहती है वरना इसे लोग बहुत जल्द ही माइनिंग कर लेंगे पर माइनर की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है।

Private Key & Public Key –

देखिए आप जब पहली बार क्रिप्टोकरंसी खरीदते हैं तो आपको दो तरह की Key मिलती की जाती हैं पहली है Public Key जो आपके ईमेल एड्रेस की तरह होती है, जिसे आप किसी के साथ शेयर कर सकते हैं।
जिससे आप अपने फंड भेज सकते हैं और रिसीव भी कर सकते।

दूसरी Key होती है Private Key आमतौर पर यह नंबर और लेटर्स की स्ट्रिंग होती है जो सिर्फ आपके लिए है इसे Crypto currency में डीलिंग के लिए आप अपना पासवर्ड समझ सकते हैं।
इसी से आप अपने वर्चुअल तिजोरी को खोल सकेंगे जिनमे आपका पैसा रखा है जब तक आपकी प्राइवेट की सिर्फ आपके पास है तब तक आपका पैसा सुरक्षित है इसीलिए अपनी Private Key किसी दूसरे के साथ शेयर ना करें।

Crypto Fork –

देखे लगभग क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन पर ही काम करती हैं और जब कोई कम्युनिटी ब्लॉकचेन के नियम को बदलती है तो उसे Fork कहते हैं।

और जब ऐसा होता है तब दो बातें होती हैं या तो पहले से मौजूद नियम अपडेट हो जाते हैं या फिर बिल्कुल नए रूल्स बनाए जाते हैं जब सॉफ्टवेयर अपग्रेड जैसी कोई प्रक्रिया होती है तो उसे Soft Fork कहा जाता है लेकिन अगर नियम इतने बदल जाते हैं की पहले वाले वर्जन से बिल्कुल अलग हों तो
ब्लॉकचेन दो हिस्सों में विभाजित हो जाती है

एक ओरिजिनल ब्लॉकचेन जो पुराने प्रोटोकॉल पर चलती है और दूसरी नई ब्लॉकचेन जिसमें नए रूल्स चलते हैं इसे Hard Fork कहते हैं जब ऐसा होता है तो पूरी तरह नई क्रिप्टो करेंसी का जन्म होता है, जैसे- Bitcoin cash, Bitcoin gold जैसी Crypto currency का निर्माण Hard fork के जरिये किया गया है।

Limit Order –

क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप में आपने लिमिट ऑर्डर नामक ऑप्शन को देखा होगा यह ऑप्शन इसलिए होता है कि जो क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिक्स नहीं लेते हैं, वह लोग क्रिप्टो करेंसी को खरीदने या बेचने का प्राइस सेट कर सकते हैं अगर क्रिप्टो मार्केट आपके प्राइस तक पहुंचता है तो आपका आर्डर अपने आप सफल हो जाएगा।

Proof Of Work –

देखिए माइनर ही क्रिप्टो करेंसी की लेनदेन को वेरीफाई करते हैं और उसे ब्लॉक चेंज से जोड़ते हैं तो इसी काम को प्रूफ ऑफ वर्क के नाम से जाना जाता है।
इसके बदले में क्रिप्टो Miners को उसी क्रिप्टो करेंसी पर रीवार्ड्स मिलते हैं बिटकॉइन पहली क्रिप्टो करेंसी थी जिसमें पूर्व ऑफ वर्क लागू किया गया था इसके बाद लाइट कॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी को प्रूफ ऑफ वर्क सिस्टम में लाया गया पर अब Ethereum Proof Of Work सिस्टम से हटकर प्रूफ ऑफ़ ईस्टेक सिस्टम को अपना रहा है।

Proof Of Stake –

फ्रूफ ऑफ वर्क में माइनिंग के लिए ज्यादा बिजली और ताकतवर कंप्यूटर चाहिए तो इसके समाधन लिए लाया गया Proof Of Stake

प्रूफ ऑफ स्टेक में माइनर्स को क्रिप्टो करेंसी स्टेक्स यानी उसके वायलेट में होल्ड करके रखनी पड़ती है जिसकी वह माइनिंग करना चाहता है- Crypto Coin को होल्ड करने पर इंटरेस्ट अर्थात ब्याज के तौर पर मिलता है प्रूफ ऑफ वर्क के जरिए माइनिंग इतनी डिमांड में नहीं रह गई ना ही पहले थी इसलिए अब Proof Of Stake का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है कह सकते हैं कि ज्यादातर Crypto Currencies  प्रूफ ऑफ स्टैक पर ही काम कर रही हैं।

Distributed Ledger –

कंप्यूटराइजेशन के बाद रिकॉर्ड रखने और लेजर मेंटेन करने का काम बेहद आसान हो गया है
आज ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर इसी रिकॉर्ड कीपिंग के जरिए सिक्योर और डिसेंट्रलाइज करने का काम किया जा रहा है, इसे Distributed Ledger कहा जाता है।

चाहे जितने लोग हैं और वह दुनिया में कहीं भी हो उनके बीच लेनदेन को कर पाना तथा डिसेंट्रलाइज तरीके से ब्लॉकचेन पर रजिस्टर करवाना यह सब डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर के जरिए आसानी से हो पाता है।

अभी तक जो डाटा सेंट्रलाइज्ड लेजर मे रखा जाता है वॉइस cyber-attack का शिकार हो जाता है डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर में ऐसा होना नामुमकिन है क्योंकि हैकर को सभी Distributed Ledger में एक साथ अटैक करना होगा जो हो पाना आसान नहीं होगा।

DEFI –

का मतलब होता है डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस

अभी तक जितने भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन होते थे उनमें किसी संस्था, बैंक या सरकार का कंट्रोल होता था इसलिए उसे ट्रांजिशनल फाइनेंस कहते थे लेकिन क्रिप्टो करेंसी पर होने वाले ट्रांजैक्शन में किसी संस्था या बैंक कंट्रोल नहीं है इसलिए उसे डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस कहते हैं जिसमें ब्लॉकचेन के जरिए ट्रांजैक्शंस पर नजर रखी जाती है।

डिसेंट्रलाइज फाइनेंस यानी DEFI के मामले में सब कुछ ट्रांसफरेंस होता है और आप पब्लिक लेजर में जाकर उसके डिटेल चेक कर सकते हैं

DEFI के तहत इस समय स्टॉक एक्सचेंज, खरीद, लोन, किसी तरह की पेमेंट और बैंकिंग के सलूशन के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
इनमें से ज्यादातर कंपनियां एथेरियम ब्लाकचैन पर बनी है।

NFT –

आजकल एनएफटी की चर्चा बहुत तेजी से हो रही है, देखिए यह किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरंसी नहीं है लेकिन उसके आसपास ही मानी जाती है।
वीडियो फोटो MP3 का प्रयोग लोग आसानी से कर लेते हैं परंतु NFT में परिवर्तित करने के बाद उसका प्रयोग सीमित हो जाता है इसे टोकनाईज करना बोला जाता है जब यह कोशिश पूरा हो जाता है तो उससे उसके प्रयोग से आने वाले कुछ परसेंटेज रॉयल्टी के रूप में बनाने वाले को मिलते रहते हैं जैसे पुस्तकों में रॉयल्टी मिलती है।

HODL-

शेयर बाजार में जब हालत ठीक ना हो तो एक्सपर्ट कुछ देर रुकने की सलाह देते हैं उसी प्रकार काम करता है क्रिप्टो करेंसी का बाजार जहां पर कोइन्स को बेचना सही ना हो वहां पर लोग अपने कॉइंस को होल्ड करके रख लेते हैं जिसे क्रिप्टोकरंसी की दुनिया में HODLING बोलते हैं।

और इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है 2013 बिटकॉइन के रेट काफी तेजी से गिर रहे थे तभी नशे में चूर 1 बिटकॉइन यूज़र ने लिख दिया I am HODLING. असल में उसे लिखना था I am holding परंतु उसके लिखने के कुछ ही देर बाद MEME बनने चालू हो गए और इंटरनेट पर छा गई जिससे हो गया Crypto currency HODLING. तब से क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में यही चलन है holding को HODLING लिखा जाता है।

Smart Contract –

क्रिप्टो करेंसी खरीद दार और विक्रेता के बीच में जो डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट होता है उसे
Smart Contract कहते हैं इस्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट एक तरह का कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर इकट्ठा किया जाता है अर्थात स्टोर किया जाता है यह तब रन होता है जब पहले से तय की गई सभी कंडीशन पूरी हो जाती है

आमतौर पर स्मार्ट कांट्रैक्ट का उपयोग किसी एग्रीमेंट को ऑटोमेट करने के लिए बनाये जाते है ताकि उनमें सभी शामिल पार्टीशन को उनके रिजल्ट पाने के लिए किसी ब्रोकर या बिचौलिए की जरूरत ना पड़े। Smart Contract को किसी सिस्टम के वर्क को ऑटोमेटिक करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

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FAQ

Crypto Glossary meanings in Hindi से जुड़े अधिकतर पूँछे जाने वाले प्रश्न एवं उत्तर

क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली क्या है?

एक क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली क्रिप्टो मुद्रा उद्योग में उपयोग किए जाने वाले तकनीकी शब्दों और शब्दजाल की एक व्यापक सूची है। यह उद्योग में उपयोग किए जाने वाले शब्दों, संक्षिप्त नामों और संक्षिप्तीकरण की परिभाषाऔर स्पष्टीकरण प्रदान करता है।

क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली क्यों महत्वपूर्ण है?

एक क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली महत्वपूर्ण है क्योंकि उद्योग में बहुत सारे तकनीकी शब्दजाल और संक्षिप्त नाम हैं जो शुरुआती लोगों के लिए भ्रामक हो सकते हैं। यह निवेशकों और व्यापारियों को उद्योग की भाषा को समझने और सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।

क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली में कुछ सामान्य शब्द क्या हैं?

क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली में सामान्य शब्दों में ब्लॉकचेन, क्रिप्टो मुद्रा, खनन, वॉलेट, विनिमय, नोड, हैश दर, स्मार्ट अनुबंध, टोकन और विकेंद्रीकृत शामिल हैं।

मुझे क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली कहां मिल सकती है?

एक क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों जैसे क्रिप्टो मुद्रा समाचार वेबसाइटों, एक्सचेंजों और शैक्षिक वेबसाइटों पर पाई जा सकती है। यह विषय पर पुस्तकों और ई-पुस्तकों में भी पाया जा सकता है।

मैं क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली का उपयोग कैसे करूं?

क्रिप्टो मुद्रा शब्दावली का उपयोग करने के लिए, आप एक विशिष्ट शब्द या संक्षिप्त नाम खोज सकते हैं जिसे आप समझ नहीं पाते हैं। शब्दावली आपको शब्द की परिभाषा और स्पष्टीकरण प्रदान करेगी। आप इसे उद्योग की तकनीकी भाषा से परिचित करने के लिए एक संदर्भ गाइड के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।

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