क्रिप्टोकरेंसी एक विवादास्पद मुद्दा है जिसपर भारत सरकार को गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में तेज़ी से हो रहे विकास और निवेश को देखते हुए, पूर्ण प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं लगता।
हालांकि, क्रिप्टो से जुड़े जोखिम और चुनौतियों को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में उचित विनियमन और ग्राहक सुरक्षा उपाय वर्तमान में बेहतर विकल्प लगते हैं।
सरकार को एक समग्र रणनीति बनाते हुए सभी हितधारकों के मतों पर विचार करना चाहिए। प्रतिबंध से अवैध गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं जबकि विनियमन से इस क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
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कब क्रिप्टो करेंसी भारत में होगी बैन?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के आसपास कुछ अन्य नवीनतम घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
- सुप्रीम कोर्ट ने RBI के क्रिप्टो पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की और इस प्रतिबंध को उलट दिया।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत अपने डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है जिसे CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) कहा जाता है।
- केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया जारी करने की घोषणा की।
- कई भारतीय कंपनियां क्रिप्टो एक्सचेंज शुरू करने और NFT लॉन्च करने में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
- कई एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध अव्यावहारिक होगा क्योंकि यह तकनीक वैश्विक स्तर पर फैल चुकी है।
- भारत सरकार खुद क्रिप्टो और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रही है जैसे – डिजिटल रुपया, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स आदि।
- क्रिप्टो एक नई तकनीक है और इसे पूरी तरह से बैन करने से पहले इसके फायदे व नुकसान का आकलन ज़रूरी है।
- भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना चाहता है, ऐसे में क्रिप्टो को बैन करना इस लक्ष्य के विपरीत हो सकता है।
- क्रिप्टो अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ रहा है और देश में बड़ी संख्या में युवा इससे जुड़े हुए हैं। ऐसे में पूर्ण प्रतिबंध उनके हितों के विपरीत हो सकता है।
- अन्य देश जैसे – अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि ने क्रिप्टो को कानूनी मान्यता दी है। भारत में भी इस ओर गति दिख रही है।
- प्रतिबंध से क्रिप्टो ट्रेडिंग अंडरग्राउंड हो सकती है जिससे नियमन कठिन होगा। विनियमन बेहतर रहेगा।
- प्रतिबंध लगाने से पहले इसके प्रभाव का व्यापक अध्ययन आवश्यक है। नीति निर्माताओं को सावधानीपूर्वक कदम उठाना चाहिए।
- क्रिप्टो एक डिसेंट्रलाइज्ड और बॉर्डरलेस प्रणाली है, इसे प्रतिबंधित करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
- प्रतिबंध से देश के डिजिटल करेंसी क्षेत्र में नवाचार और निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- भारतीय कंपनियां क्रिप्टो में काफी निवेश कर रही हैं, प्रतिबंध से उनके भविष्य पर असर पड़ेगा।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो को अपनाया जा रहा है, भारत को इस क्षेत्र में पीछे रहना नहीं चाहिए।
- सरकार को चाहिए कि गंभीर अध्ययन के बाद ही कोई निर्णय ले। विनियमन और जागरूकता बढ़ाना बेहतर होगा।
- क्रिप्टो एक नया और उभरता हुआ क्षेत्र है। इसे समझने और उचित ढंग से विनियमित करने के लिए सरकार को समय देना चाहिए।
- प्रतिबंध की बजाय सरकार को चाहिए कि निवेशकों की रक्षा और धोखाधड़ी से बचाव पर ध्यान केंद्रित करे।
- क्रिप्टो पर कर लगाकर इसे औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाया जा सकता है और इसके दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
- प्रतिबंध से गैर-कानूनी क्रिप्टो ट्रेडिंग बढ़ सकती है, जो वांछित नहीं है।
- सरकार को अंतर्राष्ट्रीय रुझानों और अन्य देशों के दृष्टिकोण को भी ध्यान में रखना चाहिए।
इसलिए, भारत में क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगने की संभावना नज़र नहीं आती है, बल्कि इसे विनियमित किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्यों बैन होगी?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के कुछ संभावित कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
- मुद्रा आपूर्ति और मौद्रिक नीति पर प्रभाव – क्रिप्टो आरबीआई के नियंत्रण से बाहर है जो चिंता का विषय है।
- निवेशकों की सुरक्षा – क्रिप्टो में उच्च अस्थिरता और जोखिम के कारण निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- धोखाधड़ी और अपराध के लिए इसका दुरुपयोग – क्रिप्टो का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
- कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग – क्रिप्टो के ज़रिये कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जा सकती है।
- वित्तीय अस्थिरता – बड़ी क्रिप्टो हानियाँ वित्तीय बाज़ारों के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं।
- विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रभाव – क्रिप्टो में लेन-देन से विदेशी मुद्रा का बहिर्वाह हो सकता है जो चिंता का विषय है।
- केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के लिए खतरा – सरकार CBDC लॉन्च करना चाहती है, क्रिप्टो इसके लिए खतरा हो सकता है।
- तकनीकी और क्षमता संबंधी चुनौतियां – भारत के लिए क्रिप्टो को रेगुलेट करना और ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है।
- एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन – क्रिप्टो का उपयोग एंटी मनी लॉन्ड्रिंग गाइडलाइन्स के विपरीत हो सकता है।
- बिटकॉइन जैसे प्राइवेट क्रिप्टो में विश्वास की कमी – इनके केंद्रीकृत न होने की वजह से सरकार इन पर प्रतिबंध लगा सकती है।
हालांकि, मेरा मानना है कि इन चिंताओं को प्रतिबंध से बेहतर विनियमन और निगरानी से संबोधित किया जा सकता है।
क्रिप्टो करेंसी के बैन होने की भविष्य में कितनी संभावना है?
मेरा मानना है कि भविष्य में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की संभावना निम्नलिखित कारणों से कम है:
- क्रिप्टो एक विकेंद्रीकृत और वैश्विक प्रौद्योगिकी है जिस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
- विश्व स्तर पर अन्य देश क्रिप्टो को कानूनी मान्यता दे रहे हैं, ऐसे में भारत इससे अलग रुख नहीं अपना सकता।
- भारत में भी 30% कर के साथ क्रिप्टो को वैधता देने की बात हो रही है।
- RBI ने भी क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की है।
- सुप्रीम कोर्ट ने भी RBI के प्रतिबंध को हटा दिया है।
- भारत खुद डिजिटल रुपया जारी करने की योजना बना रहा है।
- क्रिप्टो में निवेश लगातार बढ़ रहा है और इसमें रोजगार के अवसर भी हैं।
इसलिए मेरा मानना है कि भविष्य में क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध संभवतः लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे विनियमित किया जा सकता है।
विश्व में क्रिप्टोकरंसी को लेकर बैन होने पर क्या बात की जा रही हैं?
विश्व स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के संबंध में निम्नलिखित बातें कही जा रही हैं:
- अधिकांश देश क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नज़र नहीं आते हैं। उन्होंने क्रिप्टो को वैध मान्यता दी है।
- चीन ने क्रिप्टो पर कई प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन अभी तक पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है।
- भारत, रूस, यूरोपीय संघ जैसे कई देश अभी क्रिप्टो पर विचार कर रहे हैं और इसे विनियमित करने की कोशिश में हैं।
- एल साल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने क्रिप्टो को कानूनी टेंडर के रूप में स्वीकार कर लिया है।
- IMF और विश्व बैंक जैसे संस्थान भी क्रिप्टो पर नियमन की वकालत कर रहे हैं, प्रतिबंध की नहीं।
- क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
- कुछ देशों ने क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है जैसे – चीन, रूस आदि।
- हालांकि अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ जैसे – अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ देश इसे वैध मानते हैं।
- इन देशों ने क्रिप्टो पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया है और इसका विनियमन करने की कोशिश कर रहे हैं।
- भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देश अभी इंतज़ार कर रहे हैं और विचार-विमर्श कर रहे हैं।
- IMF और विश्व बैंक जैसे संस्थान क्रिप्टो पर व्यापक अध्ययन की सिफारिश कर रहे हैं।
- पूर्ण प्रतिबंध लगाने के पक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं लेकिन विरोध भी है।
- क्रिप्टो एक डिसेंट्रलाइज्ड और बॉर्डरलेस प्रणाली है, ऐसे में इसे प्रतिबंधित करना काफ़ी मुश्किल है।
- कई विकासशील देश क्रिप्टो को वित्तीय समावेशन का साधन मानते हैं और इसे अपना रहे हैं।
- क्रिप्टो से जुड़े कई स्टार्टअप और कंपनियाँ इस क्षेत्र में नवाचार कर रही हैं। प्रतिबंध से इन पर असर पड़ेगा।
- बड़े निवेशक भी क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं। उनके हितों का भी ध्यान रखना होगा।
- कुछ देश क्रिप्टो से कर राजस्व अर्जित कर रहे हैं, वे प्रतिबंध के पक्ष में नहीं होंगे।
- प्रतिबंध से कालाबाज़ार बढ़ने का ख़तरा है, जिससे नियंत्रण और खुफिया जानकारी मुश्किल होगी।
इसलिए, विश्व स्तर पर पूर्ण प्रतिबंध की कम संभावना दिखती है, अधिकांश देश विनियमन की दिशा में जा रहे हैं।
‘विश्व में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कितने देशों ने कानूनी मन्नता दे दीं है?
कुछ प्रमुख देश जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता दी है:
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- जापान
- दक्षिण कोरिया
- सिंगापुर
- जर्मनी
- फ्रांस
- यूनाइटेड किंगडम
- स्विट्जरलैंड
- नीदरलैंड
- न्यूजीलैंड
- एल साल्वाडोर
- पोर्चुगल
इसके अलावा दुबई, मलेशिया जैसे कई देश भी क्रिप्टो को वैध मानते हैं।
भारत और चीन जैसे कुछ देश अभी तक इस पर संशय बरत रहे हैं लेकिन विनियमन की ओर बढ़ रहे हैं।
इस प्रकार क्रिप्टो को कानूनी मान्यता देने वाले देशों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है।
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FAQs
क्रिप्टो करेंसी भारत में होगी बैन से जुड़े अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर
क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लग सकता है?
अभी तक के संकेतों से लगता है कि पूर्ण प्रतिबंध की संभावना कम है, सरकार विनियमन पर जोर दे रही है।
क्या RBI ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध की सिफारिश की है?
नहीं, RBI ने कहा है कि क्रिप्टो को विनियमित करने की ज़रूरत है, प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की।
क्या भारत सरकार क्रिप्टो पर कर लगाने की योजना बना रही है?
हां, सरकार ने 30% कर लगा रखा है, जो क्रिप्टो को वैधता देगा।
क्या भारत अपना डिजिटल करेंसी लाने वाला है?
हां, भारत 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया जारी करने की घोषणा की है। डिजिटल रुपया भारतीय सरकार ने लॉन्च कर दिया है
क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन किया जा सकता है?
तकनीकी रूप से ऐसा करना कठिन है क्योंकि यह एक विकेंद्रीकृत प्रणाली है। विनियमन बेहतर रास्ता है।