क्या आपको पता है? कि बड़े निवेशक और हम लोगों में क्या अंतर है? वह लोग एक ही Crypto asset या अन्य कोई asset में मुनाफे के लिए निर्भर नहीं होते हैं बल्कि कई सारे क्रिप्टो कॉइन अन्य asset में निवेश करते हैं एवं पैसा कमाते हैं। स्टॉक मार्केट में भी राकेश झुनझुनवाला से लेकर वारेन बफेट तक किसी को भी किसी एक सम्पत्ति (asset) में सारा पैसा लगाते नहीं देखेंगे तो
इस क्रिप्टो करेंसी सीरीज में हम जानेंगे कि क्रिप्टो Portfolio क्या होता है? तथा इसे कैसे बनाया जाता है एवं Portfolio कितने प्रकार होते हैं और इन्हें बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, पर Crypto Currency Portfolio बनाने के लिए क्रिप्टो के बारे में विस्तार से जानकारी होना आवश्यक है तो आइए जान लेते हैं कि
Table of Contents
Portfolio क्या होता है?
पोर्टफोलियो का मतलब होता है कई सारे क्रिप्टो कॉइन या Asset पर निवेश करना और जो परामर्श पर आधारित हो और आपके लक्ष्य को पाने में आपकी मदद करें तथा आपकी आय को बढ़ाने में मदद करें।
एक अच्छे “क्रिप्टो विभाग (Portfolio)” में सभी तरह के कॉइन्स होते हैं जैसे ज्यादा जोखिम वाले कॉइन से लेकर के कम जोखिम वाले कॉइन एवं मध्यम जोखिम वाले कॉइन सम्मिलित होते हैं। किन पर कितना पैसा लगाएं? वह आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है। Stock Market और अन्य मार्केट में भी लोग कई सारे संपत्ति (Asset) का विभाग बनाते हैं
ज्यादातर लोग अपने विभाग(Portfolio) को एक्सेल शीट के द्वारा नजर रखते हैं। कई सारे क्रिप्टो करेंसी Exchange App अलग-अलग Coins सूचीबद्ध होते हैं, हमने भारत के डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो करेंसी लेनदेन संगठन के बारे में विस्तार से बात की है, जिन पर आप निवेश करके उन्हें वहीं पर track कर सकते हैं आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर के जान सकते हैं.
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Portfolio में अर्थव्यवस्था के कौन से मूल सिद्धांत काम करते हैं?
तो चलिए दो महत्वपूर्ण क्रिप्टो करेंसी अर्थव्यवस्था के सिद्धांत जानते हैं
“1 संपत्ति आवंटन(Asset Allocation) और 2 विविधीकरण (Diversification)” asset allocation and diversification क्रिप्टो पोर्टफोलियो बनाने की दो सबसे महत्वपूर्ण मूल सिद्धांत हैं। Asset Allocation का मतलब बहुत सारे asset मैं पैसा लगाना जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी, स्टॉक मार्केट म्यूच्यूअल फंड आदि और Diversification अर्थात उन संपत्ति(asset) पर पैसे को अलग-अलग बांटकर लगाना जिससे बहुत सारे Asset मैं लगाने से जोखिम औसतन कम हो जाता तो
अगर कुछ ज्यादा जोखिम वाले ऐसेट होंगे और कुछ कम जोखिम वाले एसेट होंगे तो कुल मिलाकर मध्यम जोखिम वाला विभाग(Portfolio) हो जाएगा। Crypto Currency वैसे तो एक ही संपत्ति (Asset) है परंतु इसमें भी कई तरह के Tokens होते हैं, जिन्हें कई भागों में बांटे गए हैं, जैसे- Utility, Governance, Payment आदि, इन सब के अलग उपयोग और तकनीकी उपकरण होते हैं। आजकल NFT और DEFI Farming बहुत प्रचलित है जिनसे आप क्रिप्टोकरेंसी के विभाग को Diversification कर सकते हैं
हमने यह महत्वपूर्ण सिद्धांत तो सीख लिए परंतु खुद का पोर्टफोलियो बनाने से पहले यह तो समझने कि
Portfolio कितने प्रकार होते हैं?
● विविध(Diversification) और केंद्रित (Concentrated) पोर्टफोलियो- Diversification Portfolio में कई सारे Cryptos होते हैं ऐसे विभाग में 10 से 20 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी कोइन्स हो सकते हैं और प्रत्येक क्रिप्टो में खाता समग्र पोर्टफोलियो मूल्य का एक ही अंक प्रतिशत में हो सकते हैं, वही
● Concentrated Portfolio में कम Crypto Coins होते हैं और प्रत्येक क्रिप्टो में खाता समग्र पोर्टफोलियो मूल्य का दो अंक प्रतिशत में होते हैं दोनों विभाग के अपने फायदे और नुकसान हैं।
Diversification Portfolio में जोखिम कम होता है जैसा हमने पहले ही बताया क्योंकि इतने कोइन्स में से अगर किसी में घाटा भी हो तो वह दूसरे कॉइंस के लाभ से बराबर हो जाता है बहुत कॉइंस का मतलब पैसे कमाने के अवसर भी बढ़ जाते हैं। लंबे समय में स्थिर लाभ की उम्मीद थोड़ी ज्यादा होती है,
दूसरी तरफ Concentrated Portfolio आसानी से संभाले जा सकते हैं क्योंकि उनमें कम Coins होते हैं, उनके चरण में कम समय और कम मेहनत लगती है निवेश की दुनिया में कोइन्स की गहरी खोज थोड़ा जाने से बेहतर हो सकती है, कम शब्दों में कहें तो Concentrated Portfolio मुनाफा कम और स्थिरता अधिक होती है।
विपणन पोर्टफोलियो के दौरान चीजों को ध्यान में रखना
Things to keep in mind while marketing portfolio, संतुलित पोर्टफोलियो बनाने की कोशिश करनी चाहिए, यह बहुत केंद्रित होता है। संतुलित विभाग में मध्यम जोखिम, अत्यधिक जोखिम और कम जोखिम का मिशन होता है, इनका प्रभाव आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है मतलब आपने निवेश क्यों किया है? आप क्या हासिल करना चाहते हैं यह बात हर एक के लिए अलग हो सकती है इसलिए सब का संतुलित विभाग भी अलग अलग होता है, आइए एक उदाहरण से समझते हैं-
जो लोग ज्यादा लाभ के लिए, अधिक जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं, उनके विभाग में ज्यादा जोखिम वाले क्रिप्टो कॉइन अधिक होंगे मुकाबले कम जोखिम लेने वाले के।
कम जोखिम लेने वाले लोग, कम मूल्य के क्रिप्टो कॉइन्स में ज्यादा पैसे रखेंगे साथ ही अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याएं, विभाग के आकार वगैरह पर भी निर्भर करता है आपके विभाग में अत्यधिक, कम और मध्यम वाले क्रिप्टो करेंसी का क्या महत्व होगा इसलिए विभाग बनाने का कोई निश्चित तरीका नहीं होता है।
आपको अपनी जोखिम क्षमता समझनी होगी जो कितने क्रिप्टो विभागों में बाटेंगे यह भी निर्भर करता है, Portfolio मैं कब और कितना पैसा लगाना है? यह पहले ही तय कर लें। कितना पैसा लगाना है? यह आप की बचत पर भी निर्भर करता है, दूसरे को देख कर के कम या ज्यादा पैसे ना लगाएं, सब की अर्थव्यवस्था समस्या अलग-अलग होती हैं तो जो निवेश शुल्क ठीक लगे वही लगाएं।
अब Portfolio पर पैसा कैसे लगाएं? उस पर बात करते हैं.
Portfolio पर पैसा कैसे लगाएं?
1. Buy & Hold and 2. Rupee cost averaging strategy होती हैं, कम शब्दों में समझें तो पहले में एक साथ कैसे लगाते हैं और दूसरे में हर महीने कुछ पैसा लगाना होता है। रणनीति का चयन आपके पास इकट्ठे पैसे हैं या नहीं उस पर निर्भर करता है।
हमने इन पर और बाकी क्रिप्टो करेंसी रणनीति पर विस्तार से बात की है आप नीचे दिए लिंक पर पढ़ सकते हैं
थोड़ा पैसा नगद रखना एक अच्छा विचार हो सकता है इससे मार्केट गिरेगा तो पूरे पैसे की हानि नहीं होगी और बाजार गिरावट में खरीदने की बारी आई तो हमेशा पैसे होंगे कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन खरीदने के लिए आपको अपने क्रिप्टो करेंसी विभाग में से दूसरा कॉइन बेचना नहीं होगा। यह छोटी सी बात बहुत महत्वपूर्ण है।
सोचिए पूरा पैसा निवेश करने के बाद कोई नया कॉइन खरीदने का आपके पास क्या विकल्प है? Coins Portfolio में से अच्छे लाभ वाले कॉइंस को बेचना पड़ेगा अथवा घाटे में चल रहे कॉइंस को बेचना पड़ेगा अब सोचने वाली बात है, अगर बड़ा घाटा हो तो बेचने से कोई फायदा नहीं क्योंकि ज्यादा पैसे नहीं मिलेंगे ऐसे में बढ़िया लाख में चल रहे कॉइंस को ही बेचने का विकल्प बचता है पर इस कोइन्स में आगे अच्छा लाभ देने के अधिक अवसर हैं क्योंकि पहले से ही अच्छा कर रहा है
और अगर इसको बेच करके कोई दूसरा कौन खरीदा और उसमें अगर हानि हो जाए तो लेने के देने पड़ जाएंगे इसलिए कुछ पैसे नगद में रखना सहायक सिद्ध होते है इसलिए क्रिप्टो विभाग को सुरक्षित करना सीखें क्रिप्टो कॉइन का मूल्य बदलने से क्रिप्टो विभाग में भी परिवर्तन हो जाता है उदाहरण जैसे, आपका Crypto Portfolio 1000 रुपये का है और किसी कोइन्स में आपने 100 रुपये लगा रखे हैं कुछ समय बाद बाकी कॉइन तो वैसे के वैसे हैं पर इस कॉइंस का मूल्य बढ़कर के 300 रुपये हो गया
अब सब मिलाकर के क्रिप्टो विभाग 1200 रुपए का है पहले के ₹900 वैसे ही और यह ₹300 भी और यह कॉइंस बंढ करके 25% हो गया अगर यह अधिक जोखिम वाला कॉइन हो तो यह आपके Portfolio जोखिम से ज्यादा हो चुका है और मार्केट की मूल्य से बड़े घाटे भी हो सकते हैं इसलिए Portfolio को पुनर्संतुलन करना जरूरी है

इसका मतलब अगर जोखिम बढे तो क्रिप्टो विभाग(Portfolio) में परिवर्तन करते रहना चाहिए इसके 2 तरीके होते हैं पहला क्रिप्टो कॉइन खरीद और बेच करके क्रिप्टो विभाग के जोखिम को ठीक कर सकते हैं जैसे ऊपर के उदाहरण में 25 परसेंट तक कॉइन बढ़कर के हो गया तो थोड़ा उसे भेज करके 10% तक लाना portfolio पुनर्संतुलन का पहला तरीका है
2 दूसरा है क्रिप्टो विभाग में नए पैसे को ऐसे लगाना की जोखिम कम हो जाए, portfolio rebalancing कब करें उसके भी दो तरीके हैं 1 जब भी क्रिप्टो विभाग में जोखिम बढे जैसे हमने ऊपर उदाहरण में बताया, और अगला है समय के मुताबिक portfolio rebalancing मैं हर साल या 6 महीने में क्रिप्टो विभाग में उसको rebalancing सकते हैं यह नौकरी में समय ना मिलने वाले लोगों के काम आता है
तो दोस्तों आज तक आपने बहुत सुना होगा कि सब पैसे एक ही कॉइन समय नहीं डालने चाहिए जो बिल्कुल सत्य बात है पर उसके बाद क्या करना चाहिए, यह किसी ने आपको नहीं बताया होगा तो आज हमने आपको बता दिया कि उसकी जगह आप portfolio बना सकते हैं।
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Portfolio क्या होता है? से जुड़े अधिकतर लोगों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न
पोर्टफोलियो का क्या अर्थ है?
पोर्टफोलियो का मतलब होता है कई सारे क्रिप्टो कॉइन या Asset पर निवेश करना और जो परामर्श पर आधारित हो और आपके लक्ष्य को पाने में आपकी मदद करें तथा आपकी आय को बढ़ाने में मदद करें, और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं…
पोर्टफोलियो एसेट्स क्या हैं?
एक पोर्टफोलियो स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटीज, Crypto asset, कैश समरूप जैसे वित्तीय इन्वेस्टर का एक संग्रहण है, जिसमें क्लोज-एंड फंड और एक्सचेंज ट्रेडे फंड (ईटीएफ) शामिल हैं। एक पोर्टफोलियो में निजी संपत्ति, कला और निजी इन्वेस्टमेंट सहित संपत्ति की एक विस्तृत श्रेणीबद्धता हो सकती है, और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं.
Portfolio कितने प्रकार होते हैं?
पोर्टफोलियो मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, ● विविध(Diversification) और केंद्रित (Concentrated) पोर्टफोलियो, अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएं.
पोर्टफोलियो निवेश क्या है?
Buy & Hold and 2. Rupee cost averaging strategy होती हैं, कम शब्दों में समझें तो पहले में एक साथ कैसे लगाते हैं और दूसरे में हर महीने कुछ पैसा लगाना होता है। रणनीति का चयन आपके पास इकट्ठे पैसे हैं या नहीं उस पर निर्भर करता है।
हमने इन पर और बाकी क्रिप्टो करेंसी रणनीति पर विस्तार से बात की है आप नीचे दिए लिंक पर पढ़ सकते हैं.
पोर्टफोलियो और उदाहरण क्या है?
पोर्टफोलियो के उदाहरण है जैसे डॉक्टर का ब्रीफकेस या अलग-अलग डॉक्यूमेंट रखने की फाइल, पोर्टफोलियो के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएं