Types of cryptocurrency in Hindi | क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?

आप क्रिप्टो मार्केट में हजारों प्रकार के Crypto Currency देखते होंगे परंतु क्या आप जानते हैं हर क्रिप्टोकरंसी किसी न किसी उपयोगिता के आधार पर बनाई जाती है तो आज हम जानते हैं Types of cryptocurrency in Hindi, जिसमें हम जानेंगे की Crypto market में क्रिप्टोकरंसी का क्या महत्व होता है, एवं उनके उद्देश्य तो आइए जानते हैं कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरंसी कि क्रिप्टो मार्केट में कितने प्रकार के क्रिप्टोकरंसी किन किन कामों के उद्देश्य से बनाई गई है?

यह आर्टिकल बोलता है.

आप क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है? आर्टिकल को सुन भी सकते हैं, सुनने से समझने और याद करने में आसानी होती है.

Types of cryptocurrency in Hindi

क्रिप्टोकरंसी अपनी टेक्नोलॉजी के दम पर वर्तमान या आने वाले भविष्य के समाधान को करने के लिए अथवा किसी प्रोजेक्ट को लेकर के आगे बढ़ रही है, ऐसी सैकड़ों समस्याओं के समाधान को हल करने के लिए प्रयासरत हैं और कई सारी क्रिप्टोकरंसी के द्वारा समस्याओं का हल भी किया जा चुका है।

सभी समस्याओ पर बात कर पाना तो मुश्किल है परंतु हम कुछ महत्वपूर्ण समस्या एवं समाधान को जानेंगे जो हमें Crypto Trading करने से पहले मालूम होना चाहिए

आप जिस भी क्रिप्टोकरंसी या अन्य किसी में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तो उसके बारे में अच्छे से जानकारी रखना ही समझदारी है और वही जानकारी आपको लाभ तक पहुंचाएगी।

किसी प्रकार का क्रिप्टो में निवेश करने के पहले आपको उस करंसी के बैकग्राउंड के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है कि वह क्या करती है किस प्रॉब्लम को हल करती है। तो आइए शुरू करते हैं
जो पहला क्रिप्टो करेंसी के बारे में जाना जरूरी है वह P2P आइए जानते हैं कि

Types of cryptocurrency in Hindi
क्रिप्टो करेंसी प्रकार एवं उनका उपयोग

P2P Network Kya होता है? | P2P क्या Issues solve करता है?

हमारी जो पेपर वाली करेंसी है या कहिए जो भारतीय सरकार द्वारा Centralized करेंसी है

उसने कई दिक्कतें हैं, आप बोलेंगे कैसे तो आइए वह भी जान लेते

1. मुद्रा सेंट्रल बैंक और सरकारों के कंट्रोल में होती है

2. महंगाई बढ़ती है तो करेंसी की कीमत कम हो जाती है जिससे लोगों को महंगाई और भुखमरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा वस्तुओं का दाम भी अधिक मुद्रा को दे कर के चुकाना पड़ता है

3. तीसरी जो हमारे देश की करेंसी में समस्या है अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन, कई दिनों में हमारी करेंसी को बदल कर के दूसरी करेंसी मिल पाती है जिससे लोगों के पैसे आने और जाने में समय लगता है।

4. अंतरराष्ट्रीय करेंसी के साथ बदलने पर हमें अधिक चार्ज देना पड़ता है और हमारी करेंसी की कीमत कई देशों की करेंसी से बहुत कम होती है जैसे अमेरिका की करेंसी, USD जो हमारे देश की करेंसी से 70 से 75 रुपये में 1 USD. अर्थात 1 डॉलर के लिए 75 रुपये देने पड़ते हैं।

तो इन समस्याओं के समाधान के लिए बनाया गया p2p नेटवर्क या कहें p2p Cryptocurrency जिसकी पहली क्रिप्टो करेंसी थी बिटकॉइन जिसका पहला उद्देश्य था कि यह पेपर वाली करेंसी की सारी समस्याओं का हर कर देगी और सेंट्रलाइज करेंसी का एक विकल्प बनेगी
और हुआ भी यही बिटकॉइन ने अपनी ब्लॉक चैन के जरिए सारे सिस्टम को डिसेंट्रलाइज्ड कर दिया मतलब सरकार, बैंक या किसी संस्था का कोई अंकुश नहीं होता है।

इंटरनेशनल लेनदेन भी बहुत आसान हो गया और कम से कम ट्रांजैक्शन फीस भी लगने लगी।

बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे कोकोकोला, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों से क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन करने लगे।

हालांकि पेपर वाली करेंसी से, पूरी तरह से रिप्लेस नहीं किया है परंतु काफी हद तक एसिड क्लास मैं अपना स्थान बना रही है।

बिटकॉइन के आने के बाद बिटकॉइन कैश, light Coin जैसी अन्य क्रिप्टोकरंसी भी पेपर लेस् करेंसी के उद्देश्य से लांच हुईं जो अभी भी आगे चल रही हैं।

दूसरी कैटेगरी जो है Stable Coin की

Stable Coin क्या होता है? | What is Stable Coin?

देखिए क्रिप्टो करेंसी का मार्केट अभी नया है इसलिए यह काफी वैलेंटाइन है अर्थात परिवर्तनशील है कभी किसी क्रिप्टोकरंसी के दाम अचानक से गिर जाते हैं तो कभी अचानक से बहुत अधिक तक बढ़ जाते हैं और इस चक्कर में कई ऐसे निवेशक जो रिक्स नहीं लेना चाहते वह लोग क्रिप्टोकरंसी में आने से कतराते हैं, बड़े पैमाने पर क्रिप्टोकरंसी का लेन-देन नहीं हो सकता है

इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए बनाया गया Stable कॉइन जो बहुत ज्यादा वैलेंटाइन नहीं होते अर्थात इनकी कीमत ज्यादा ऊपर और नीचे नहीं जाती, यह बहरी एसिड जैसे गोल्ड, सिल्वर अथवा (यूएसडी) डॉलर आधारित Coins होते हैं जिससे एसिड पर जितना प्रभाव पड़ता है, इन पर भी उतना ही प्रभाव होता है और अपने Secure ब्लॉकचेन सिस्टम के जरिए काफी तेजी से ट्रांजैक्शन करने की सुविधा देते हैं तथा लोगों के रिस्क को कम करते हैं।

इनको इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है, क़ि इनके दामों की स्थिरता लगातार बनी रहती है, कैसे? तो आइए एक उदाहरण से समझते हैं

(Dai) डाई नाम की एक क्रिप्टो करेंसी है जो एक स्टेबल कॉइन है और मशहूर करेंसी एथेरियम द्वारा backed है
डाई के दाम यूएस डॉलर के इर्द-गिर्द ही रहते हैं जैसे यूएस डॉलर मूब करता वैसे ही (Dai)डाई के दाम में भी परिवर्तन आता है क्योंकि उनके पास यूएस डॉलर का रिजर्व मौजूद है, जिसके दम पर वह अपने टोकन जारी करते हैं जैसे ही इनके पूल में आप अपने एथेरियम को डालेंगे वैसे ही आपको डाई के टोकन मिल जाएंगे जिन्हें आप क्रिप्टो करेंसी के आधार पर यूज कर सकते हैं।

तीसरा क्रिप्टो करेंसी कैटेगरी है DEFI

Stable Coin क्या होता है

DEFI (डेफी) क्या है? | Decentralized Finance कैसे काम करता है?

वर्ल्ड बैंक के डाटा के अनुसार डेढ़ अरब युवाओं के पास या एडल्ट्स के पास अपना खुद का बैंक अकाउंट ही नहीं है।
बाकी फाइनेंस सर्विस तो आप भूल ही जाइये।
इसी समस्या का समाधान करने में लगी हुई है DEFI, डेफी क्रिप्टोकरंसी दुनिया भर के लोगों को डिसेंट्रलाइज के तौर पर
मनी ट्रांसफर,
सेविंग,
लोन,
इन्वेस्टमेंट,
का लाभ उपलब्ध करा रही है वह भी एक स्मार्ट फोन और इंटरनेट के जरिए बिना किसी भी बैंक, सरकार, ब्रोकर आदि।
DEFI में किसी अन्य संस्था का कोई लेना देना नहीं होता है।
एक उदाहरण से समझते हैं कि यह कैसे प्रॉब्लम सॉल्व कर रही है।
जैसे AAVE नाम की क्रिप्टो करेंसी है जो काम करती है एक ऐसे प्रोटोकॉल में जिससे लोग लोन लेते और दूसरों को लोन देते भी हैं।

अगर आपको लोन देना है तो आप सीधे (AAVE )आवे के सिस्टम में बता सकते हैं और निकी ड्यूट वाले टूल में अपने क्रिप्टोकरंसी रख दिया है, जिसे जरूरत होगी वह वहां से उधार के रूप में या कहें लोन ले लेगा।
इस लेनदेन में किसी थर्ड पार्टी कि कोई सहायता नहीं लेनी पड़ती डायरेक्टली लेने और देने वाले के बीच लेन-देन होता है कोई दूसरा बीच में बिचौलिए के तौर पर नहीं होता है,
आपने जितना इंटरेस्ट रेट दिखाया हुआ है आपको उतनी कमाई होगी।

बाकी लेने वाले के पास यह सुविधा होती है कि वह कितने ब्याज पर लोन लेना चाहता है
तो वह अपने हिसाब से उनमें से चुनकर के लोन ले लेता है अर्थात फिक्स ब्याज पर लेना चाहता है अथवा मार्केट में चल रहे उतार-चढ़ाव के बदल रहे ब्याज दर के हिसाब से लेना चाहता है।

DEFI उन तक अपनी सुविधा पहुंचा रही है जहां तक बड़े-बड़े बैंक और ब्रोकर की सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं।

चौथी कैटेगरी है क्रिप्टो की स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ( Smart Contracts)

Smart Contracts Kya होता है? | What is Smart Contracts?

इस्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट एक तरह की ट्रांजैक्शन प्रोटोकॉल है जो ब्लॉकचेन पर काम करती हैं इसे एक प्रकार का कंप्यूटर कोड वाला डिजिटल एग्रीमेंट समझ लीजिए खरीदने और बेचने वाले के बीच में जो पहले से की गई शर्तों पर पूरा होने पर रन कर जाते हैं और ऑनलाइन परस्पर एग्जीक्यूट कर जाते हैं।

इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल ना सिर्फ क्रिप्टो करेंसी बल्कि दुनिया भर के जहां पर स्कैम एंड फ्रॉड, बिचौलियों के चक्कर में दिक्कतें आती रहती हैं
जैसे कि रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदनी है और जैसे इंश्योरेंस जिसमें आए दिन फ्रॉड होता रहता है।

Smart Contracts जिसमे पहले से ही जो तय शर्तें होती हैं उनके पूरा होते ही ट्रांजैक्शन अपने आप हो जाता है, जैसे आपने किसी कंपनी से इंश्योरेंस लिया की कैंसर होने पर ईतने रुपए जमा करने पर बढ़कर इतने रुपये मिलेंगे तो जैसे ही उस व्यक्ति को कैंसर होगा तो यह वेरीफाई होते ही कि उन्हें इस अस्पताल में कैंसर के लिए भर्ती किया गया और उनकी जांच पर कैंसर ही आया है तो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की सरते पूरा होते उस व्यक्ति के बैंक एकाउंट पर राशि अपने आप ट्रांसफर हो जाएगी बिना किसी भारी-भरकम के, फुल स्पीड, बिना किसी पेपर वर्क के और भाग दौड़ किये सिक्योर तरीके से ट्रांजैक्शन हो जाएंगे बिना इंश्योरेंस कंपनी के परमिशन, फुल ट्रांसपेरेंसी के साथ।

Smart Contracts पर कई क्रिप्टोकरंसी भी काम करती हैं जैसे Ethereum, Tron जो लोगों को अपने प्लेटफार्म पर एलाऊ करती हैं, एप एंड गेम डेवलपर को कि वह आए और आपने एप्लीकेशन और वेबसाइट ब्लॉकचेन आधारित बनाकर तैयार करें

आज की डेट में एथेरियम पर 3 हजार एप्लीकेशन एथेरियम ब्लॉकचेन सिस्टम के बलबूते चल रहे है।

ऐसे ही Tron एक अलग तरह का प्लेटफार्म है जो इंटरटेनमेंट और फ्री कॉंटेन्ट का एक प्लेटफार्म बनता जा रहा है, जहां पर गूगल, फेसबुक, ऐमेज़ॉन और युटुब जैसी कंपनियों की बपौती नहीं चलेगी,
उनकी दादागिरी वहां पर काम नहीं करेगी।
Tron ने 2018 में ही Bit Torrent token को एक्वायर्ड किया है और STEEMIT नाम का उसका अपना खुद का एक प्लेटफॉर्म भी है जहां पर D Tube नाम का एंटरटेनमेंट प्लेटफार्म भी है जो बिल्कुल यूट्यूब की तरह है।

बाकी और कई सारी समस्याएं हैं जिनका क्रिप्टोकरंसी और ब्लॉक चैन के जरिए डिसेंट्रलाइज तरीके से हल किया जा रहा है जिन्हें हम क्रिप्टो करेंसी की कैटेगरी मैं नहीं फिट कर पाए जैसे एनएफटी (NFT).

Types of Cryptocurrency UPSC

क्रिप्टोकरंसी के काई प्रकार हैं जो अलग-अलग फीचर और यूसेज के लिए डिजाइन किए गए हैं। कुछ सामान्य प्रकार हैं:

  1. बिटकॉइन (बीटीसी) – ये सबसे पहले और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है। इसका उपयोग पीयर-टू-पीयर लेनदेन के लिए किया जाता है।
  2. एथेरियम (ईटीएच) – ये एक विकेन्द्रीकृत प्लेटफॉर्म है जहां डेवलपर्स विकेन्द्रीकृत अनुप्रयोग और स्मार्ट अनुबंध बनाते हैं।
  3. Ripple (XRP) – ये एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जिसका उपयोग वित्तीय संस्थानों के लिए किया जाता है।
  4. लिटकॉइन (एलटीसी) – ये बिटकॉइन का कांटा है और इसका मुख्य फीचर ये है कि लेनदेन तेज और किफायती होते हैं।
  5. टीथर (यूएसडीटी) – ये एक स्टेबलकॉइन है जो डॉलर के प्राइस के बराबर होता है ताकि क्रिप्टोकरंसी मार्केट में वोलैटिलिटी से बचने के लिए रखें।

इनमे से कोई भी यूपीएससी की परीक्षा में आ सकता है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक तेजी से बढ़ता उद्योग है जिसका प्रभाव वित्तीय क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर है।

बाकी जहां भी इन्वेस्ट करें सोच समझ और जानकारी के साथ करें किसी भी लालच, scam में इन्वेस्ट न करें और हमेशा जानकारी के साथ ही पैसे को इन्वेस्ट करें, धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो।

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Cryptocurrency क्या है और क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है?

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Types of cryptocurrency in Hindi जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब

क्रिप्टो करेंसी के नाम

कई क्रिप्टोकरेंसी हैं, कुछ सबसे प्रसिद्ध लोगों में शामिल हैं: बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), रिपल (एक्सआरपी), बिटकॉइन कैश (बीसीएच), कार्डानो (एडीए), डॉगकोइन (डीओजीई), बिनेंस कॉइन (बीएनबी), पोलकडॉट (डीओटी), चेनलिंक (लिंक), लिटकोइन (LTC), यह एक विस्तृत सूची नहीं है, क्योंकि नई क्रिप्टोकरेंसी लगातार बनाई जा रही हैं।

क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?

8,000 से अधिक विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में थीं। हालाँकि, नई क्रिप्टोकरेंसी लगातार बनाई जा रही हैं और कुछ समय के साथ निष्क्रिय हो सकती हैं, जिससे सटीक संख्या प्रदान करना मुश्किल हो जाता है।

Cryptocurrency in India Hindi

भारत में क्रिप्टो करन्सी शब्द “क्रिप्टो” और “मुद्रा” शब्दों का एक संयोजन है, जिसका अर्थ है क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके सुरक्षित एक डिजिटल मुद्रा। बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य जैसी क्रिप्टोकरेंसी ने पारंपरिक फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में भारत में लोकप्रियता हासिल की है। हालाँकि, भारत में उनकी नियामक स्थिति अभी भी बहस का विषय है और परिवर्तन के अधीन है।

Cryptocurrency Meaning in Hindi

क्रिप्टोक्यूरेंसी जो एक डिजिटल मुद्रा है। क्रिप्टोक्यूरेंसी लेन-देन को सुरक्षित और सत्यापित करने के साथ-साथ नई इकाइयों के निर्माण को नियंत्रित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य जैसी क्रिप्टोकरेंसी एक केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र रूप से संचालित होती हैं और इंटरनेट पर मूल्य के आदान-प्रदान के विकेंद्रीकृत साधन प्रदान करती हैं। वे अक्सर पारंपरिक फिएट मुद्राओं की तुलना में अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।

भारत की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?

भारत सरकार की अभी अपनी कोई क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रति अपने दृष्टिकोण में सतर्क रही है और उनके उपयोग को विनियमित और सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके बावजूद, बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी भारत में निवेशकों और व्यापारियों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रही है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी की विनियामक स्थिति अभी भी विकसित हो रही है और परिवर्तन के अधीन है।

Types of Cryptocurrency UPSC in Hindi

क्रिप्टोकरंसी मार्केट में काई प्रकार के क्रिप्टोकरंसी उपलब्ध हैं जो अलग-अलग फीचर और यूसेज के लिए डिजाइन किए गए हैं। जैसे, बिटकॉइन सबसे पहले और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है जिसका इस्तेमाल पीयर-टू-पीयर ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है। एथेरियम विकेन्द्रीकृत प्लेटफॉर्म है जहाँ डेवलपर्स विकेन्द्रीकृत ऐप्स और स्मार्ट अनुबंध बनाते हैं। रिपल रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम है वित्तीय संस्थानों के लिए। लिटकोइन बिटकॉइन का कांटा है और लेनदेन तेज और किफायती हैं। टीथर स्टेबलकॉइन है जिसका प्राइस डॉलर के बराबर होता है वोलैटिलिटी से बचने के लिए। सभी को यूपीएससी की परीक्षा में विचार किया गया है क्योंकि ये तेजी से बढ़ता उद्योग है और अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के लिए प्रभावशाली है।

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