जब भी क्रिप्टोकरंसी की बात आती है तो आपने क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) के बारे में जरूर सुना होगा साथ ही आप ब्लॉकचेन के महत्व और उसके उपयोग के बारे में लोगों से कई बार सुना होगा और यह अब तो यूपीएससी की परीक्षाओं और भी अन्य तैयारियों में एक अहम विषय बन गया है, ब्लॉक चेन और क्रिप्टोग्राफी ही है जो क्रिप्टो करेंसी को खास बनाती है तो आज की क्रिप्टो सीरीज Cryptography Meaning in Hindi में क्रिप्टोग्राफी क्या है और कैसे काम करती है और इसके क्या उपयोग है और कैसे यह क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉकचेन को खास बनाती है इस पर विस्तार से बात करेंगे तो आइए फिर शुरू करते हैं.
Table of Contents
Cryptography Meaning in Hindi | Cryptography Kya Hai?
क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें सादा टेक्स्ट को कोड लैंग्वेज में बदल दिया जाता है ताकि अनधिकृत पहुंच से बचाया जा सके। इस के बाद कोडेड मैसेज को फिर सादा टेक्स्ट में बदल दिया जाता है। ये संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है जिससे सिर्फ अधिकृत पार्टियां ही पहुंच कर सके। क्रिप्टोग्राफी मैथ का एल्गोरिदम, जो सिफर्स कहलाता है, का उपयोग करती है जिससे जानकारी को स्क्रैम्बल किया जाता है और इसको अनस्क्रैंबल करने के लिए एक की (Key) जरूरत पड़ती है।

क्रिप्टोग्राफी कैसे काम करती है? | How does cryptography work?
(Cryptography) क्रिप्टोग्राफी काम करने के लिए 2 मुख्य तकनीकें होती हैं: एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन। एन्क्रिप्शन में सादा टेक्स्ट को कोड लैंग्वेज में बदल दिया जाता है जिससे इस तरह अनधिकृत पहुंच से बचाया जा सके। डिक्रिप्शन में कोडेड मैसेज को फिर सादा टेक्स्ट में वापस बदल दिया जाता है। क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्शन के लिए गणित के एल्गोरिदम का उपयोग करती है जिसे सिफर्स (Ciphers) कहते हैं और डिक्रिप्शन के लिए एक गुप्त कुंजी का उपयोग होता है। कुंजी एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के बीच सुरक्षित रूप से होना चाहिए ताकि केवल अधिकृत पार्टियों को ही एक्सेस कर सकें।
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क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्शन क्या है | What is Cryptography Encryption?
क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्शन एक सिक्योर कम्युनिकेशन के लिए टेखनोलोजी है जिसमे इन्फॉर्मेशन को जहाँ-तक पॉसिबल सिक्योर बनाया जाता है ताकी अनधिकृत यूजर्स से इन्फॉर्मेशन सिक्योर रहे। इसमे, ओरिजिनल इन्फॉर्मेशन को एनक्रिप्टेड फॉर्म मे कन्वर्ट किया जाता है, जिसमे यह रीडबल नही होता और डिक्रिप्शन के थ्रू ओरिजिनल फॉर्म मे रिकवर किया जा सकता है।
क्रिप्टोग्राफी डिक्रिप्शन क्या है? | What is Cryptography Decryption?
क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) डिक्रिप्शन एक प्रोसेस है जिसमे एन्क्रिप्टेड डेटा या मैसेज ऑरिजनल फॉर्म में वापस किया जाता है जिसके लिए स्पेशल की (Key) की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया डेटा को मूल रूप में वापस लाने को संदर्भित करती है।
क्रिप्टोग्राफी हैशिंग क्या है? | What is hash function in cryptography?
क्रिप्टोग्राफी हैशिंग एक तरह क एन्क्रिप्शन है जिसमे प्लेन टेक्स्ट की एक फिक्स्ड लेन्थ के यूनिक रीप्रेसेंटेशन जनरेट की जाती है जिसे हैश या मेसेज डाइजेस्ट कहा जाता है। इसका काम मुख्य प्रक्रिया डाटा सिक्योर स्टोर करने या वेरिफाई करने के लिये होता है। यह प्रोसेस इरिवर्सबल होता है और इसका परिणाम हैश फ़ंक्शन की विशिष्ट एल्गोर्तिहम (Algorithm) के अनुसार ही होता है।
क्रिप्टोग्राफी में हैश फंक्शन एक मैथमेटिकल एल्गोरिथम होता है जिससे इनपुट डेटा को फिक्स्ड लेंथ के आउटपुट के फॉर्म में कन्वर्ट किया जाता है। हैश फंक्शन डेटा का इंटीग्रिटी और ऑथेंटिसिटी वेरिफाई करने के लिए यूज होता है।
हैश फंक्शन एक यूनिक आउटपुट जनरेट करता है जिससे सबसे छोटा बदलाव भी इनपुट डेटा में डिटेक्ट कर दिया जाता है। हैश फंक्शन डेटा के इंटीग्रिटी चेक करने के लिए यूज होता है, क्यूंकी अगर इनपुट डेटा में कोई बदलाव हुआ तो हैश फंक्शन के आउटपुट में बदलाव आ जाते हैं।
हैश फंक्शन सिक्योर डेटा ट्रांसमिशन, कम्युनिकेशन और स्टोरेज के लिए महत्वपूर्ण है क्यूंकी इसी से डेटा की प्रामाणिकता और अखंडता की जांच किया जा सकता है और अनधिकृत परिवर्तनों का पता लगा कर दिया जा सकता है।
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पब्लिक की क्रिप्टोग्राफी क्या है? | What is Public’s Cryptography?
पब्लिक की क्रिप्टोग्राफी ये एक एन्क्रिप्शन तकनीक है जिसमें एक पब्लिक की और एक प्राइवेट की का यूज होता है। पब्लिक की को सेंडर और रिसीवर के बीच सार्वजनिक रूप से शेयर किया जाता है जिससे की मैसेज को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्ट किया जा सके लेकिन, निजी कुंजी सिर्फ रिसीवर ही उपयोग कर सकता है जिससे संदेश को डिक्रिप्ट किया जा सके। इसका मतलब ये है कि मैसेज को सिक्योर कम्यूनिकेट करने के लिए पब्लिक की क्रिप्टोग्राफी का यूज किया जाता है।
क्रिप्टोग्राफी निजी कुंजी क्या है? | What is Cryptography Private Key?
Private Key Cryptography एक प्रकार का Cryptography है, जिसमें एक ही कुंजी (Key) का उपयोग दो पक्षों के बीच संदेश को एन्क्रिप्ट करने और डेक्रिप्ट करने के लिए किया जाता है। इसे भले ही एक व्यक्ति के हाथों में हो, लेकिन उसकी गोपनीयता को कन्ट्रोल करने के लिए हमेशा उसी व्यक्ति की ज़िम्मेदारी होती है।
क्रिप्टोग्राफी में सिफर क्या है? | In Cryptography what is Cipher.
सिफर क्रिप्टोग्राफी में एक गणितीय एल्गोरिथ्म होता है जिससे जानकारी को स्क्रैम्बल किया जाता है। सिफर सादे पाठ को कोड भाषा में बदलता है ताकि अनधिकृत पहुंच से बचाया जा सके। डिक्रिप्शन के लिए एक सीक्रेट की का यूज होता है जिससे कोडेड मैसेज को फिर सादा टेक्स्ट में वापस बदल दिया जाता है। सिफर को एन्क्रिप्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है और डिक्रिप्शन के लिए की (KEY) का इस्तेमाल किया जाता है।

क्रिप्टोग्राफी कितने प्रकार की होती है? | What are the types of cryptography?
क्रिप्टोग्राफी 2 प्रकार के होते हैं: सममित क्रिप्टोग्राफी और असममित क्रिप्टोग्राफी।
- Symmetric Cryptography: सिमिट्रिक क्रिप्टोग्राफी में एक ही कुंजी एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए उपयोग की जाती है। इसमे प्रेषक और रिसीवर दोनो ही वही कुंजी का उपयोग करते हैं।
- Asymmetric Cryptography: असममित क्रिप्टोग्राफी में 2 अलग-अलग कुंजी होती हैं, सार्वजनिक कुंजी और निजी कुंजी। पब्लिक की एन्क्रिप्शन के लिए यूज होता है और प्राइवेट की डिक्रिप्शन के लिए। इसमे सेंडर का डेटा पब्लिक की से एन्क्रिप्ट किया जाता है, और रिसीवर प्राइवेट की का इस्तेमाल करके डेटा को डिक्रिप्ट करता है।
इन 2 प्रकारों के अलावा, क्रिप्टोग्राफी के अन्य रूप भी हैं, जैसे हैश फ़ंक्शन, डिजिटल हस्ताक्षर और प्रमुख प्रबंधन तकनीक शामिल है।
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क्रिप्टोग्राफी और नेटवर्क सुरक्षा | Cryptography and network security
क्रिप्टोग्राफी और नेटवर्क सुरक्षा एक दूसरे से संबंधित हैं। नेटवर्क सिक्योरिटी के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल होता है ताकी संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए और अनधिकृत पहुंच से बचने के लिए। क्रिप्टोग्राफी डेटा ट्रांसमिशन, संचार और भंडारण के लिए उपयोग होती है।
एन्क्रिप्शन के ज़रिये नेटवर्क पे भेजा गया डेटा सुरक्षित होता है और डिक्रिप्शन के ज़रिये ही अधिकृत पार्टियों के डेटा को एक्सेस कर सकते हैं। असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी का उपयोग नेटवर्क सुरक्षा के लिए होता है क्योंकि इसमे सार्वजनिक कुंजी एन्क्रिप्शन और निजी कुंजी डिक्रिप्शन का उपयोग होता है जिससे डेटा सुरक्षित रहता है।
(Cryptography) क्रिप्टोग्राफी नेटवर्क सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नेटवर्क पर भेजा गया संवेदनशील जानकारी सुरक्षित होता है और अनधिकृत पहुंच से बचाया जा सकता है।
क्रिप्टोग्राफी में डिजिटल हस्ताक्षर क्या है? | What is Digital Signature in Cryptography
डिजिटल सिग्नेचर क्रिप्टोग्राफी में एक सुरक्षित तरीका होता है जिससे प्रेषक (sender) की पहचान पुष्टि होती है और संदेश के प्रमाणिकता और अखंडता सत्यापित की जाती है। डिजिटल हस्ताक्षर सार्वजनिक कुंजी क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है जिसमें प्रेषक की निजी कुंजी का उपयोग होता है हस्ताक्षर बनाने के लिए और रिसीवर सार्वजनिक कुंजी का उपयोग हस्ताक्षर सत्यापित करने के लिए होता है।
डिजिटल हस्ताक्षर प्रेषक (Sender) की पहचान का सबूत होता है और संदेश की प्रामाणिकता और अखंडता की गारंटी देता है। इसका उपयोग सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन, संचार और भंडारण के लिए होता है। डिजिटल हस्ताक्षर एन्क्रिप्टेड संदेश के साथ भेजा जाता है और रिसीवर डिक्रिप्शन के बाद हस्ताक्षर सत्यापित करके संदेश की प्रामाणिकता और प्रेषक की पहचान को पुष्टि करता है।
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कौन सी कुंजी क्रिप्टोग्राफी कम कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करती है? | Which key cryptography uses less computer resources
सममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी कंप्यूटर संसाधनों के लिए असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी की तुलना में तुलनात्मक रूप से कम उपयोग करता है। सिमेट्रिक की क्रिप्टोग्राफी में सेम की एनक्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए इस्तेमाल होती है और ये फास्ट और सिंपल है। असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी में एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए अलग-अलग कुंजियों का इस्तेमाल होता है और ये स्लो और कॉम्प्लेक्स होता है।
इसलिए अगर कंप्यूटर संसाधनों की चिंता है तो सममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी के उपयोग से बेहतर परिणाम मिलते हैं असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की तुलना में। लेकिन सुरक्षा के लिए असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी के उपयोग से बेहतर परिणाम मिलते हैं। आवश्यकता के अनुसार उपयोग करने और सुरक्षा की आवश्यकता के हिसाब से होता है।
Cryptography Terminology Meaning in Hindi | क्रिप्टोग्राफी शब्दावली
क्रिप्टोग्राफी के कुछ महत्वपूर्ण शब्द हैं:
- एन्क्रिप्शन (Encryption) – संवेदनशील डेटा को कोड भाषा में बदलना
- डिक्रिप्शन (Decryption) – कोडित डेटा को मूल भाषा में वापसी बदलना
- सिफर (Cipher) – एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए उपयोग होता है
- कुंजी (Key) – एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए उपयोग होता है
- सादा पाठ (Plain Text) – मूल डेटा जो एन्क्रिप्शन के बाद कोडित हो जाता है
- सिफर टेक्स्ट (Cipher Text) – एन्क्रिप्टेड डेटा जो डिक्रिप्शन के बाद मूल भाषा में वापसी बदल दिया जाता है
- सिमिट्रिक कुंजी क्रिप्टोग्राफी (Symmetric Key Cryptography) – एक ही कुंजी एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए उपयोग होता है
- असममित कुंजी क्रिप्टोग्राफी (Asymmetric Key Cryptography) – एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के लिए अलग-अलग कुंजियों का उपयोग होता है
- हैश फ़ंक्शन (Hash Function) – इनपुट डेटा को निश्चित लंबाई के आउटपुट के फॉर्म में परिवर्तित करने वाला गणितीय फ़ंक्शन
- डिजिटल सिग्नेचर – प्रेषक की पहचान और संदेश की प्रामाणिकता और अखंडता सत्यापित करने के लिए उपयोग होता है।
सभी शब्दों की क्रिप्टोग्राफी में महत्वपूर्ण भूमिका होती है सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन, संचार और भंडारण के लिए।
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क्रिप्टोग्राफी इतिहास क्या है? | What is Cryptography History?
क्रिप्टोग्राफी का इतिहास बहुत पुराना है और ये प्राचीन सभ्यताओं से ही शुरू हुआ है। प्राचीन मिस्र और यूनानियों क्रिप्टोग्राफी का उपयोग संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता था।
मध्यकालीन यूरोप में क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का उपयोग सैन्य और राजनीतिक संचार में किया जाता था। 19 वीं शताब्दी में क्रिप्टोग्राफी में तेजी से प्रागति हुई और प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान क्रिप्टोग्राफी का उपयोग सैन्य संचार के लिए बड़े पैमाने पर हुआ।
डिजिटल युग के आगमन के बाद क्रिप्टोग्राफी का उपयोग कंप्यूटर और इंटरनेट संचार में बड़े पैमाने पर हुआ। ऑनलाइन लेनदेन, सुरक्षित डेटा स्टोरेज और संचार के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है।
क्रिप्टोग्राफी प्रागति आज के टाइम में भी लगातार हो रही हैं क्योंकि साइबर सुरक्षा खतरे और अनधिकृत पहुंच के चैलेंजेस के साथ-साथ डेटा सिक्योरिटी की डिमांड भी बढ़ती रहती है।
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क्रिप्टोग्राफी का क्या उपयोग है? | What is the use of cryptography?
क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग बहुत से फील्ड में होता है, जिनमे से कुछ है:
- डेटा सुरक्षा – क्रिप्टोग्राफी डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करती है, जिसे अनधिकृत एक्सेस से बचा जा सके।
- ऑनलाइन लेन-देन – ऑनलाइन लेन-देन, जैसे ऑनलाइन बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग, में क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल होता है सिक्योर डेटा ट्रांसफर और सिक्योर पेमेंट के लिए।
- गोपनीय संचार – गोपनीय संचार, जैसे व्यवसाय और व्यक्तिगत संचार, में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है सुरक्षित और निजी संचार के लिए।
- क्लाउड कंप्यूटिंग – क्लाउड कंप्यूटिंग में क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल होता है सिक्योर डेटा स्टोरेज और सिक्योर डेटा ट्रांसफर के लिए।
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग – इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का उपयोग होता है सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया के लिए।
- सैन्य संचार – सैन्य संचार में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है सुरक्षित और गोपनीय संचार के लिए।
उदाहरणों के अलावा भी क्रिप्टोग्राफी बहुत से फील्ड में इस्तेमाल होती है, जैसे हेल्थकेयर, क्रिप्टोग्राफी, स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी और आइडेंटिटी मैनेजमेंट। क्रिप्टोग्राफी का मुख्य उद्देश्य डेटा और जानकारी को सुरक्षित और गोपनीय रखना है।
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क्रिप्टोग्राफी कानूनी मुद्दे | Cryptography Legal Issues
क्रिप्टोग्राफी के उपयोग के साथ क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) के कानूनी मुद्दे भी हैं:
- एन्क्रिप्शन ताकत – कुछ देशों में एन्क्रिप्शन ताकत सीमा होती है, जिसकी वजह से क्रिप्टोग्राफी के उपयोग प्रतिबंधित हो सकती है।
- निर्यात प्रतिबंध – कुछ देशों में क्रिप्टोग्राफी सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी का निर्यात प्रतिबंधित होता है, जिससे क्रिप्टोग्राफी के उपयोग पर सीमाएं आ सकती हैं।
- कानून प्रवर्तन पहुंच – कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कुछ मामलों में एन्क्रिप्टेड डेटा एक्सेस करना होता है, जिस से क्रिप्टोग्राफी और गोपनीयता के बीच बैलेंस बनाना मुश्किल हो सकता है।
- गोपनीयता संबंधी चिंताएं – क्रिप्टोग्राफी के उपयोग से गोपनीयता की चिंताएं भी उठ रही हैं, क्यूंकी एन्क्रिप्टेड डेटा को डिक्रिप्ट करना मुश्किल होता है।
- क्रिप्टोग्राफिक बैकडोर्स – कुछ सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां क्रिप्टोग्राफ़िक बैकडोर्स की मांग करते हैं ताकि एन्क्रिप्टेड डेटा को एक्सेस किया जा सके, जिससे क्रिप्टोग्राफी और सिक्योरिटी के बीच बैलेंस ख़तरे में हो सकता है।
सभी कानूनी मुद्दों के साथ-साथ क्रिप्टोग्राफी के उपयोग के लिए कानून भी होता है, जिससे क्रिप्टोग्राफी के उपयोग को विनियमित किया जा सके।
क्रिप्टोग्राफी के कानूनी मुद्दों को बैलेंस बनाने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और गोपनीयता के महत्व को संतुलन में रखना जरूरी है।
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क्रिप्टोग्राफी में “प्लेन टेक्स्ट” टर्म ह्यूमन रीडबल मेसेज को इंडिकेट करता है। प्लेन टेक्स्ट ओरिजिनल मेसेज होता है जो एन्क्रिप्शन के बाद कोड लैंग्वेज में बदल दिया जाता है। डिक्रिप्शन के बाद प्लेन टेक्स्ट को फिर ओरिजिनल लैंग्वेज में वापस बदल दिया जाता है। क्रिप्टोग्राफी में एन्क्रिप्शन के लिए प्लेन टेक्स्ट कोड लैंग्वेज में बदल दिया जाता है और डिक्रिप्शन के लिये एक सीक्रेट की का यूज होता है जिससे कोडेड मेसेज को फिर प्लेन टेक्स्ट में वापस बदल दिया जाता है।
क्रिप्टोग्राफी किन दो शब्दों के संयोजन से बनाई गई है?
क्रिप्टोग्राफी शब्द “क्रिप्टो” और “ग्राफी” के संयोजन से बना है। “क्रिप्टो” ग्रीक शब्द है जिसका मतलब “छिपा हुआ” या “गुप्त” होता है। “ग्राफी” ग्रीक शब्द है जिसका मतलब “लेखन” होता है।
इसलिए क्रिप्टोग्राफी “छिपी हुई लेखन” के संयोजन से बना है जिसमें संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कोड भाषा में बदल दिया जाता है और अनधिकृत और हैकर पहुंच से बचाया जाता है।
क्रिप्टोग्राफी की शुरुआत कब और किसने की?
क्रिप्टोग्राफी की शुरुआत महल के दौर के दौरान, 2000 ई.पू. में बेबीलोन के समय से हुई है। वहा पर चित्रलिपि के द्वार गुप्त संदेश संचारित किए जाते थे। यह समय के साथ साथ विकसित हुआ और अब आधुनिक क्रिप्टोग्राफी एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के रूप में है जिसमें कंप्यूटर और गणित का उपयोग होता है।
क्रिप्टोग्राफी का लक्ष्य क्या है?
क्रिप्टोग्राफी का लक्ष्य है संवेदनशील और निजी जानकारी को अनाधिकृत एक्सेस से बचाना और सुरक्षित रखना।
प्राइवेट की (Key) और पब्लिक की (Key) क्या है?
प्राइवेट की एक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड फॉर्म में हुआ डेटा सिर्फ अधिकृत यूजर ही देख और यूज कर सकते हैं। पब्लिक की ये है जो डेटा को सुरक्षित करने के लिए यूज किया जाता है और कोई भी यूजर इसे एक्सेस कर सकता है।